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शरीर में सबसे ज्यादा थकावट होने के बाद क्यों नींद आने लगता है करण क्या है?

अधिकतम थकावट के बाद नींद महसूस करना ऊर्जा बहाल करने और वसूली को बढ़ावा देने के लिए शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया है। जब आप लंबी अवधि के लिए शारीरिक या मानसिक गतिविधि में संलग्न होते हैं, तो आपका शरीर आपके द्वारा खाए गए भोजन से ऊर्जा की खपत करता है, और इसके परिणामस्वरूप आपकी मांसपेशियों और मस्तिष्क में अपशिष्ट उत्पादों का निर्माण होता है।   https://www.hindibiz.com/mahilayen-aur-hriday-rog/ जैसे-जैसे आपका शरीर अधिक थका हुआ हो जाता है, आपके मस्तिष्क में एडेनोसिन और मेलाटोनिन जैसे कुछ रसायनों का स्तर बढ़ जाता है, जिससे आपको नींद आ सकती है और नींद को बढ़ावा मिल सकता है। एडेनोसाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क में जमा होता है क्योंकि आप ऊर्जा खर्च करते हैं, और यह उनींदापन और नींद को बढ़ावा देने, विशिष्ट रिसेप्टर्स से बांधता है। मेलाटोनिन अंधेरे के जवाब में पीनियल ग्रंथि द्वारा निर्मित एक हार्मोन है, और यह आपके नींद-जागने के चक्र को विनियमित करने में मदद करता है। https://www.hindibiz.com/yah-covid-19-hai-ya-flu/ https://www.hindibiz.com/subah-ki-sair-aur-hamaari-sehat/ इसके अलावा, ...

आजकल पथरी की समस्या काफी आम हो गई है, क्या ऐसे कुछ उपाय हैं जिनको अपना कर हम पथरी होने से बचा सकते हैं ?

   हाइड्रेटेड रहें: बहुत सारे तरल पदार्थ, विशेष रूप से पानी पीने से गुर्दे की पथरी को बनने से रोकने में मदद मिल सकती है। https://www.hindibiz.com/subah-ki-sair-aur-hamaari-sehat/ संतुलित आहार लें: फलों और सब्जियों में उच्च और नमक और पशु प्रोटीन में कम आहार गुर्दे की पथरी को रोकने में मदद कर सकता है। ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें: पालक, रूबर्ब और नट्स जैसे खाद्य पदार्थों में उच्च स्तर के ऑक्सालेट होते हैं, जो कुछ लोगों में गुर्दे की पथरी के निर्माण में योगदान कर सकते हैं। https://www.hindibiz.com/motape-ke-karan-unse-hone-wali-bimariyan-evam-motape-ko-kam-karne-ke-kuch-upay/ पर्याप्त कैल्शियम प्राप्त करें: आम धारणा के विपरीत, भोजन या सप्लीमेंट्स से पर्याप्त कैल्शियम प्राप्त करना वास्तव में गुर्दे की पथरी को रोकने में मदद कर सकता है। चीनी-मीठे पेय पदार्थों का सेवन सीमित करें: बहुत अधिक चीनी वाले पेय पदार्थों का सेवन करने से गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ जाता है। यदि आप पित्त पथरी की बात कर रहे हैं, तो आप कुछ अतिरिक्त उपाय कर सकते हैं: स्वस्थ वजन बनाए रखें: अधिक ...

Peptic ulcer in hindi

  पेप्टिकअल्सर प्रायः पेट का अल्सर है , जो की पेट, ग्रहणी, आंतों या इसोफैगस (अन्न प्रणाली) के निचले हिस्से की परत पर हो सकता है। इसमें इन तीनों भाग की परतों पर दर्दनाक छाले हो जाते हैं, और इसका मुख्य कारण श्लेष्मिक कला या  श्लेष्मल झिल्ली (Mucous Membrane)  या  (Mucosa)  जो की शरीर के आन्तरिक अंगों को घेरे रहती है और सभी गुहाओं  (cavities)  की सबसे ऊपरी परत होती है, इसी झिल्ली को जब पाचन रस खराब कर देता है, तब इस परत पर घाव बनने लगता है जिसे हम पेप्टिक अल्सर के नाम से जानते हैं। अधिक जानकारी के लिए यहा क्लिक करे - पेप्टिक अल्सर क्या है, कारण, लक्षण एवं पेप्टिक अल्सर के उपचार कुछ औषधीय पौधों की भूमिका | Peptic Ulcer Kya Hai Karan Lakshan Upchar Evam Peptic Ulcer Ke Upchar Kuch Aushadhiya Poudho Ki Bhumika - HindiBiz पेप्टिक अल्सर एक बहुत ही आम समस्या है जिससे एक साल के अंदर लगभग 1 मिलियन से ज्यादा लोग भारत में ग्रसित होते हैं। इस बीमारी से ग्रसित लोगों को दर्द का सामना करना पड़ता है, जो कई बारअसहनीय हो जाता है। https://www.hindibiz.com/peptic-ulcer-kya-h...

छत्तीसगढ़ में पायी जाने वाली कुछ भाजियाँ एवं उनके उपयोग

जैसा के हम सब जानते हैं  "छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा"  कहा जाता है, लेकिन यह धान के साथ- साथ विभिन्न प्रकार की भाजियों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है, जो कई बीमारियों के उपचार में भी उपयोगी है। साथ ही यह भाजियाँ शरीर को पोषक तत्व भी प्रदान करती हैं, आइये देखते ही कुछ ऐसी ही भाजियों के उपयोग:- अधिक जानकारी के लिए यहा क्लिक करे - Chhattisgarh mai payi jane wali bhajiya evam unke upyog | छत्तीसगढ़ में पायी जाने वाली कुछ भाजियाँ एवं उनके उपयोग - HindiBiz जैसा के हम सब जानते हैं "छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा" कहा जाता है, लेकिन यह धान के साथ- साथ विभिन्न प्रकार की भाजियों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है, जो कई बीमारियों के उपचार में भी उपयोगी है। साथ ही यह भाजियाँ शरीर को पोषक तत्व भी प्रदान करती हैं, https://www.hindibiz.com/chhattisgarh-mai-payi-jane-wali-bhajiya-upyog/

ब्लड ग्रुप और स्वास्थ्य का संबंध

यह ऐसी कोशिकाओं और एंटिबौडिस (Antibodies) को लाने, ले जाने का कार्य करता है जो हमें संक्रमण से बचाते हैं और बीमारियों से लड़ने का कार्य करते हैं। यह अपशिष्ट पदार्थों को किडनी और लिवर तक लाने का कार्य करता है, जो रक्त को छानते और साफ करते हैं। अधिक जानकारी के लिए यहा क्लिक करे - ब्लड ग्रुप (रक्त समूह) एवं हमारे स्वास्थ का संबंध | Blood group evam hamare swasthya ka sambandh - HindiBiz एबीओ (ABO)ब्लड ग्रुप सिस्टम के साथ Rhd (रिसस फैक्टर या आर एच फैक्टर) एंटिजन (अन्य प्रकार के एंटिजन) की स्थिति का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है की कौन सा रक्त प्रकार की रक्त कोशिकाएं, किस प्रकार की रक्त कोशिकाओं से मेल खाएगी ताकि इसे किसी मनुष्य को जरूरत पड़ने में इसका आधान (ट्रांसफ्यूजन) किया जा सकता है। https://www.hindibiz.com/blood-group-evam-hamare-swasthya-ka-sambandh/

त्वचा को सुरक्षित कैसे रखें- त्वचा का ख्याल आपके हाथों में

वैसे तो महिलाएँ हों या पुरुष सभी चाहते हैं की हमारी त्वचा हमेशा खिली-खिली रहे और हम हमेशा जवां दिखें, उसके लिए यह बात अहम है की हम किस तरह अपनी त्वचा का ख्याल रखते हैं। हम हमेशा से चाहते हैं की 30 या 40 की उम्र में भी हम 18 साल के लगें और लोग हमारी उम्र का अंदाजा जल्दी न लगा सकें। इसके लिए सबसे जरूरी चीज यह है की हम किस तरह का खान-पान रखते हैं, किस तरह की दिनचर्या रखते हैं, और त्वचा के लिए क्या-क्या करते हैं। अधिक जानकारी के लिए यहा क्लिक करे - त्वचा को सुरक्षित कैसे रखें- त्वचा का ख्याल आपके हाथों में| Twacha ko surakhashit kaise rakhen - HindiBiz हर्बल प्रोडक्टस को ही उपयोग में लाये जितना मुमकिन हो सके। यह आपकी त्वचा को नुकसान भी नहीं पहुंचाएंगे और आपकी त्वचा के लिए किसी प्रकार के चर्म रोग या एलर्जी का कारण भी नहीं बनेंगे। केमिकल्स कई बार हमारे लिए बीमारी पैदा कर सकते हैं, साथही चेहरे की चमक भी छिन सकते हैं, https://www.hindibiz.com/twacha-ko-surakhashit-kaise-rakhen/

स्लीप एपनिया के निम्न लक्षण हैं

यह एक ऐसी गंभीर निद्रा रोग है जो सोते समय शुरू होती है इसमें सांस कभी रुक जाती है कभी फिर शुरू हो जाती है। यही सिलसिला चलता रहता है, जिसे हम स्लीप एपनिया कहते हैं। अगर इस बीमारी का सही समय पर पता ना लगाया जा सके या पता होने पर सही समय पर इसका इलाज ना करवाया जाए यह तेज खर्राटों, थकान, उच्च रक्तचाप और अन्य हृदय रोगों को जन्म दे सकती है। **अधिक जानकारी के लिए यहा क्लिक करे - ** हमेशा थका होना – क्या स्लीप एपनिया के लक्षण हैं | Symptoms and treatment of sleep apnea in hindi - Hindibiz हमेशा थका होना - क्या स्लीप एपनिया के लक्षण हैं स्लीप एपनिया (Sleep apnea )- यह एक ऐसी गंभीर निद्रा रोग है जो सोते समय शुरू होती है इसमें सांस कभी रुक जाती है कभी फिर शुरू हो जाती है। यही सिलसिला चलता रहता है, जिसे हम स्लीप एपनिया कहते हैं। अगर इस बीमारी का सही समय पर पता ना लगाया जा https://www.hindibiz.com/symptoms-and-treatment-of-sleep-apnea-in-hindi/